रायगढ़ में 40वां चक्रधर समारोह: राज्यपाल रमेन डेका ने किया भव्य शुभारंभ
सूर्य News Raigarh : Festival 2025
छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक राजधानी कहलाने वाले रायगढ़ में कला और संगीत का ऐतिहासिक पर्व चक्रधर समारोह 2025 इस बार अपनी 40वीं कड़ी में और भी भव्य रूप में आयोजित हो रहा है। बुधवार, 27 अगस्त 2025 को राज्यपाल श्री रमेन डेका ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ इसका विधिवत शुभारंभ किया।
कार्यक्रम की शुरुआत राज्यपाल ने विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की पूजा-अर्चना से की और प्रदेश की उन्नति, समृद्धि तथा जनकल्याण की मंगल कामना की।
राजा चक्रधर सिंह को श्रद्धांजलि
राज्यपाल रमेन डेका ने इस अवसर पर रायगढ़ रियासत के संगीत सम्राट राजा चक्रधर सिंह को नमन किया। उन्होंने पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कहा –
“राजा चक्रधर सिंह का कला और साहित्य के प्रति योगदान अमर है। उनका जीवन संगीत साधना और संस्कृति का प्रतीक है, जो आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा।”
रायगढ़ की सांस्कृतिक पहचान
चक्रधर समारोह को रायगढ़ की सांस्कृतिक धड़कन कहा जाता है। यह आयोजन केवल संगीत और नृत्य तक सीमित नहीं है, बल्कि यह रायगढ़ की गौरवशाली विरासत और भारतीय शास्त्रीय कला की जीवंत झलक भी प्रस्तुत करता है। 40 वर्षों से निरंतर आयोजित हो रहा यह समारोह देश-विदेश के कलाकारों को एक मंच पर लाता है और कला प्रेमियों को अनूठा अनुभव कराता है।
आयोजन की विशेषताएँ
शास्त्रीय संगीत और नृत्य की प्रस्तुतियाँ
देश के ख्याति प्राप्त कलाकारों की भागीदारी
पारंपरिक लोककला और आदिवासी संस्कृति का संगम
रायगढ़ की पहचान "भारत की सांस्कृतिक राजधानी" के रूप में और मजबूत
चक्रधर समारोह क्यों है खास?
रायगढ़ के राजा चक्रधर सिंह स्वयं महान तबला वादक और संगीतज्ञ थे। उनकी स्मृति में प्रारंभ हुआ यह समारोह आज राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान बना चुका है। यह न केवल कलाकारों को अपनी कला दिखाने का मंच देता है बल्कि युवाओं को भारतीय संगीत और नृत्य की परंपरा से जोड़ने का कार्य भी करता है।
रायगढ़ चक्रधर समारोह 2025 की 40वीं वर्षगांठ छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर का सशक्त प्रतीक है। राज्यपाल रमेन डेका के शुभारंभ के साथ यह आयोजन एक बार फिर साबित करता है कि रायगढ़ भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य का महत्वपूर्ण केंद्र है। आने वाले दिनों में यह समारोह कला प्रेमियों को अविस्मरणीय अनुभव देने वाला है।

