ED अफसर बनकर 25 लाख की साइबर ठगी: डिजिटल अरेस्ट गैंग का खुलासा, नागपुर से आरोपी गिरफ्तार
Rajnandgaon Cyber Fraud News: डिजिटल युग में अपराधियों ने धोखाधड़ी के तरीके भी बदल दिए हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस ने एक ऐसे शातिर साइबर ठग को गिरफ्तार किया है, जो खुद को ED (Enforcement Directorate) का अफसर बताकर महिला से ₹25 लाख की ठगी कर चुका था। यह आरोपी डिजिटल अरेस्ट इंटरनेशनल साइबर गैंग से जुड़ा हुआ था और फर्जी सिम कार्ड एक्टिव कर विदेशी फ्रॉड सेंटरों तक उपलब्ध कराता था।
नागपुर से आरोपी गिरफ्तार
राजनांदगांव जिले की बसंतपुर थाना पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर नागपुर से 34 वर्षीय गुणवंत राम रावमते को पकड़ा। आरोपी लंबे समय से कंबोडिया और दुबई स्थित साइबर ठग गिरोह को फर्जी सिम सप्लाई कर रहा था।
1 अगस्त से 12 अगस्त 2025 के बीच आरोपी और उसके साथियों ने मिलकर महिला को झांसे में लिया। उन्होंने पीड़िता को बताया कि उसके बैंक खाते का इस्तेमाल मनी लांड्रिंग के लिए हुआ है और वह ईडी की जांच के घेरे में है।
कैसे दिया गया झांसा?
आरोपी ने पीड़िता को व्हाट्सएप कॉल और वीडियो कॉल के जरिए डराया।
खुद को ED का अधिकारी, ED डायरेक्टर और यहां तक कि जज बनकर पेश किया गया।
कहा गया कि अगर वह सहयोग नहीं करेगी तो उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
डिजिटल अरेस्ट के नाम पर महिला को लगातार वीडियो कॉल पर बने रहने के लिए मजबूर किया गया।
डरी-सहमी महिला ने आरोपियों की बातों पर यकीन कर लिया और अपने यूनियन बैंक खाते से ₹25 लाख HDFC बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए।
फर्जी सिम कार्ड से जुड़ा बड़ा नेटवर्क
पूरे मामले की जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी गुणवंत रामराव मते एयरटेल पीओएस एजेंट था।
वह लोगों को फ्री सिम पोर्ट और फ्री रिचार्ज का लालच देकर आधार कार्ड और फोटो ले लेता था।
इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर नए सिम कार्ड जारी कर देता और उन्हें विदेशी साइबर फ्रॉड नेटवर्क को बेच देता।
एक महिला ने पुलिस को बताया कि जनवरी 2025 में मोहल्ले में कुछ लोग एयरटेल एजेंट बनकर फर्जी एक्टिवेशन कर रहे थे। उसी दौरान उसका भी आधार और फोटो लेकर नया सिम निकाल लिया गया था।
पुलिस की कार्रवाई और चेतावनी
पुलिस ने आरोपी को रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। संभावना है कि इस नेटवर्क में और भी लोग शामिल हों, जो अलग-अलग शहरों में डिजिटल अरेस्ट साइबर ठगी को अंजाम दे रहे हैं।
पुलिस की अपील:
किसी भी कॉल या मैसेज पर खुद को सरकारी अफसर, बैंक अधिकारी या ईडी-सीबीआई का अधिकारी बताने वालों से सावधान रहें।
कोई भी संस्था व्हाट्सएप या वीडियो कॉल पर डिजिटल अरेस्ट नहीं करती।
संदिग्ध कॉल आने पर तुरंत 1930
(साइबर फ्रॉड हेल्पलाइन) या नजदीकी थाने में संपर्क करें।
