कटघोरा के राजा : गणेश उत्सव 2025 में 111 फीट ऊंचा पंडाल और 21 फीट विशाल मूर्ति का अद्भुत नजारा

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 कटघोरा के राजा : गणेश उत्सव 2025 में 111 फीट ऊंचा पंडाल और 21 फीट विशाल मूर्ति का अद्भुत नजारा

कटघोरा के राजा : गणेश उत्सव 2025 में 111 फीट ऊंचा पंडाल और 21 फीट विशाल मूर्ति का अद्भुत नजारा

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले का कटघोरा शहर इस वर्ष Ganesh Utsav 2025 का सबसे बड़ा आकर्षण बना हुआ है। यहां प्रसिद्ध “कटघोरा के राजा” गणेश पंडाल बनाया गया है, जिसकी ऊंचाई 111 फीट है। इस बार समिति ने पंडाल को केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर की तर्ज पर तैयार करवाया है। यह पंडाल श्रद्धालुओं के लिए न केवल आस्था का प्रतीक बना हुआ है, बल्कि इसकी भव्यता पूरे छत्तीसगढ़ में चर्चा का विषय है।


21 फीट ऊंची गणेश प्रतिमा


इस पंडाल की सबसे खास बात है इसकी 21 फीट ऊंची गणेश मूर्ति, जो छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के ग्राम थनौद स्थित प्रसिद्ध राधे आर्ट गैलरी में निर्मित की गई है। मूर्ति का स्वरूप बेहद आकर्षक और मनमोहक है, जिसे देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार उमड़ रही है।


कोलकाता के कारीगरों ने बनाई कृति




पंडाल निर्माण का कार्य विशेष रूप से कोलकाता से आए कारीगरों द्वारा किया गया है। उनका हुनर और कलात्मकता पंडाल को मंदिर जैसी भव्यता प्रदान कर रही है। समिति ने बताया कि इस बार पंडाल और मूर्ति की थीम को बेहद खास तरीके से तैयार किया गया है ताकि लोग केवल दर्शन ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और कला का अनुभव भी ले सकें।


गंगा आरती थीम और विशेष कार्यक्रम


इस आयोजन की एक और बड़ी खासियत यह है कि प्रतिदिन गंगा आरती की थीम पर विशेष आरती की जाएगी। श्रद्धालु इस अद्भुत दृश्य का आनंद लेते हुए आध्यात्मिक शांति का अनुभव करेंगे।


सुरक्षा और सुविधाओं की पुख्ता व्यवस्था


समिति ने श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।


पंडाल के अंदर और बाहर सुरक्षा के लिए पुलिस व गार्ड्स की तैनाती


पीने के पानी और शौचालय की व्यवस्था


भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग और गाइडलाइन



इन सभी सुविधाओं के कारण भक्त निश्चिंत होकर दर्शन कर पा रहे हैं।


सामाजिक एकता और भक्ति का संदेश


समिति पदाधिकारियों का कहना है कि इस आयोजन का उद्देश्य केवल भव्य पंडाल और मूर्ति तैयार करना नहीं है, बल्कि लोगों को भक्ति, सामाजिक एकता और सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ना है।


श्रद्धालुओं की भीड़ और लोगों का उत्साह


राज्य ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों से भी लोग यहां पहुंच रहे हैं। महेंद्रगढ़ से आए श्रद्धालु आदित्य सिंह ने बताया कि वह कई वर्षों से यहां आ रहे हैं, लेकिन इस बार का पंडाल वाकई एक मंदिर जैसा दिख रहा है। समिति सदस्य समजीत सिंह ने कहा कि इस आयोजन से आज पूरा कटघोरा फेमस हो चुका है और “कटघोरा के राजा” का नाम अब पूरे प्रदेश में गूंज रहा है।

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