BJP ने जारी की प्रदेश कार्यकारिणी, कांग्रेस पर साधा निशाना – दीपक बैज का पलटवार

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 BJP ने जारी की प्रदेश कार्यकारिणी, कांग्रेस पर साधा निशाना – दीपक बैज का पलटवार

BJP ने जारी की प्रदेश कार्यकारिणी, कांग्रेस पर साधा निशाना – दीपक बैज का पलटवार

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजनीति में संगठन विस्तार को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं। भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है। इसके बाद बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस पर तंज कसा कि कांग्रेस अब भी संगठन को मजबूत करने में असफल है। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने पलटवार करते हुए कहा कि “कांग्रेस में दो लोग नेता तय नहीं करते, बल्कि जनाधार और संगठन की राय ही चयन का आधार होती है।”

बीजेपी का कांग्रेस पर हमला

बीजेपी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस अभी तक नई कार्यकारिणी घोषित नहीं कर पाई है।


कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज का कार्यकाल खत्म हो चुका है।


कार्यकारिणी गठन में लगातार देरी हो रही है।

बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस पार्टी लोकतांत्रिक तरीके से संगठन खड़ा नहीं कर पा रही।


कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज का जवाब

दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस संगठन में किसी नेता को चुनने का फैसला सिर्फ दो लोगों की मर्जी से नहीं होता।


ब्लॉक से लेकर जिला और प्रदेश स्तर तक चर्चा होती है।


हर स्तर पर रायशुमारी और बहस होती है।

कई बार असहमति और विवाद भी सामने आते हैं, क्योंकि सबको अपनी बात रखने की स्वतंत्रता है।

उन्होंने कहा कि यदि किसी स्तर पर सहमति नहीं बनती तो मामला दिल्ली तक जाता है, जहां पूरी प्रक्रिया पर विचार किया जाता है।

बीजेपी का जातीय और क्षेत्रीय संतुलन

बीजेपी ने मंत्रिमंडल विस्तार और प्रदेश कार्यकारिणी में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का विशेष ध्यान रखा है।


कुल 14 मंत्रियों में से 7 ओबीसी, 3 आदिवासी, 2 अनुसूचित जाति और 2 सामान्य वर्ग से हैं।


क्षेत्रीय संतुलन के तहत सरगुजा, बिलासपुर, दुर्ग, रायपुर और बस्तर से प्रतिनिधित्व दिया गया है।


बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस इस मामले में पिछड़ रही है और संगठन विस्तार में गंभीरता नहीं दिखा रही।

बीजेपी सांसद का पलटवार – कांग्रेस अब ‘कम्युनिस्ट’


राजनांदगांव के सांसद संतोष पांडे ने कांग्रेस को वंशवाद और मनमानी वाली पार्टी करार दिया।

उन्होंने कहा:


कांग्रेस में लोकतंत्र नहीं, सिर्फ वंशवाद है।

गुलाम नबी आजाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे नेताओं की उपेक्षा इसका उदाहरण है।

गांधी परिवार की मंजूरी के बिना कांग्रेस में कोई नेता आगे नहीं बढ़ सकता।

सांसद ने तंज कसते हुए कहा कि “कांग्रे

स अब कांग्रेस नहीं रही, बल्कि कम्युनिस्ट पार्टी जैसी हो गई है।”

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