छाल रेंज में विश्व हाथी दिवस पर जागरूकता और उत्सव की गूंज
रायगढ़ – धरमजयगढ़ वन मंडल के अंतर्गत आने वाले छाल रेंज में आज विश्व हाथी दिवस बड़े ही उत्साह और जोश के साथ मनाया गया। इस अवसर पर वन विभाग और हाथी मित्र दल ने हाथियों के संरक्षण, उनके व्यवहार और मानव-हाथी संघर्ष को कम करने के उपायों पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए।
बाइक रैली से शुरू हुआ अभियान
कार्यक्रम की शुरुआत वन परिक्षेत्र कार्यालय से एक भव्य बाइक रैली के साथ हुई, जो नावापारा, बोजिया और औरानारा गांव होते हुए बनहर हाई स्कूल पहुंची। रास्ते भर ग्रामीणों और छात्रों को हाथियों के महत्व के बारे में जानकारी दी गई।
स्कूल में विशेष जागरूकता कार्यक्रम
बनहर हाई स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में वन विभाग की टीम और हाथी मित्र दल ने छात्रों और ग्रामीणों को हाथियों से संबंधित विस्तृत जानकारी दी। छात्रों ने हाथियों पर आधारित स्लोगन भी प्रस्तुत किए, जिसके बाद छाल रेंजर चंद्र विजय सिदार ने उन्हें पुरस्कृत किया। इस मौके पर गांव के सरपंच, उप सरपंच, हाई स्कूल स्टाफ और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।
हाथियों का महत्व और सांस्कृतिक जुड़ाव
छाल वन परिक्षेत्र अधिकारी चंद्र विजय सिदार ने बताया कि विश्व हाथी दिवस हर साल 12 अगस्त को मनाया जाता है। 2012 में शुरू हुई इस पहल का उद्देश्य हाथियों की घटती संख्या और उनके सामने आने वाली चुनौतियों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है।
ग्रामीणों ने भी बताया कि भारत में हाथी को भगवान गणेश का स्वरूप मानकर पूजनीय स्थान दिया जाता है। ये ताकत, बुद्धिमत्ता और हमारी संस्कृति के प्रतीक हैं।
छाल रेंज – हाथियों का अनुकूल आवास
छाल रेंज का जंगल हाथियों के लिए बेहद अनुकूल माना जाता है, जहां उनकी संख्या समय-समय पर बदलती रहती है। मानव-हाथी संघर्ष को कम करने के लिए वन विभाग और हाथी मित्र दल 24 घंटे सक्रिय रहते हैं। ये टीमें प्रभावित गांवों में जाकर लोगों को सुरक्षित दूरी बनाए रखने और हाथियों के साथ सह-अस्तित्व के बारे में जागरूक करती हैं।


