ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन इंडिया पर शिकंजा कसता पुलिस प्रशासन, सक्ती पुलिस ने जारी किया नोटिस
रायपुर। छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में प्रतिबंधित चाकू की ऑनलाइन बिक्री के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इसी कड़ी में सक्ती पुलिस ने ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन इंडिया को नोटिस जारी किया है। पुलिस ने कंपनी से पूछा है कि आखिर क्यों न उसे इस मामले में सह-आरोपी बनाया जाए।
दरअसल, हाल ही में सक्ती पुलिस ने चाकू दिखाकर आम लोगों को धमकाने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने अपराध में इस्तेमाल किया गया चाकू अमेजन से खरीदा था।
पुलिस का तर्क
पुलिस ने नोटिस में कहा है कि राज्य में अब तक चाकूबाजी से जुड़े सैकड़ों अपराध सामने आ चुके हैं, जिनमें हत्या, रंगदारी और महिलाओं से छेड़छाड़ जैसे गंभीर मामले शामिल हैं। इसके बावजूद अमेजन इंडिया पर प्रतिबंधित चाकू और हथियारों की बिक्री जारी है।
सक्ती की एसपी अंकिता शर्मा ने नोटिस में साफ लिखा है कि इस तरह की लापरवाही से अमेजन इंडिया अपनी सामाजिक और कानूनी जिम्मेदारियों से बचता दिख रहा है। पुलिस का मानना है कि प्लेटफॉर्म अब अपराधियों के लिए “डोर-स्टेप डिलीवरी सिस्टम” बनता जा रहा है।
चार अहम सवाल
सक्ती पुलिस ने अमेजन इंडिया से 4 बिंदुओं पर जवाब मांगा ह
1. अमेजन को ऐसे शस्त्रों के परिवहन/वितरण में सहभागी क्यों न माना जाए?
2. क्यों न अमेजन को हत्या जैसे अपराधों में सह-आरोपी बनाया जाए, जबकि हथियार आपके प्लेटफॉर्म से खरीदे गए हैं?
3. क्यों अमेजन अपने डिलीवरी बॉय को ऐसे पार्सल की डिलीवरी में गिरफ्तारी के जोखिम में डाल रहा है?
4. क्यों न यह माना जाए कि आपके विक्रेता, वेयरहाउस और डिलीवरी नेटवर्क अपराध में सहभागी हैं?
कानूनी पहलू
एसपी अंकिता शर्मा ने नोटिस में शस्त्र अधिनियम 1959 का हवाला दिया है। इसके मुताबिक—
9 इंच से लंबा या 2 इंच से चौड़ा चाकू निषिद्ध शस्त्र की श्रेणी में आता है।
ऐसे हथियारों का बिना लाइसेंस खरीद-फरोख्त या भंडारण अपराध है।
यानी अमेजन इंडिया न केवल इनकी बिक्री कर रहा है, बल्कि वेयरहाउस में भंडारण भी करवा रहा है। ऐसे मामलों में कंपनी या उसके जिम्मेदार निदेशक पर भी कार्रवाई हो सकती है।
हाईकोर्ट का हस्तक्षेप
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भी राज्य में बढ़ती चाकूबाजी की घटनाओं पर स्वतः संज्ञान लिया है। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि—
ये चाकू सब्जी काटने के लिए नहीं खरीदे जाते।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर इनकी बिक्री जन सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।
आर्म्स एक्ट लागू होने के बावजूद कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?
डीजीपी के निर्देश
सूत्रों के अनुसार, डीजीपी अरुण देव गौतम ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रतिबंधित शस्त्रों की बिक्री पर रोक के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। एसपी अंकिता शर्मा ने अपने सुझावों में कहा है कि जैसे पहले BIS और CCPA ने खतरनाक प्रोडक्ट्स को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से हटवाया था, वैसे ही अब चाकू और हथियारों पर भी रोक लगनी चाहिए।
अमेजन की अपनी “Excluded Products List” में भी हथियारों को प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है, लेकिन इसके बावजूद इनकी बिक्री जारी है।

