छत्तीसगढ़ में बड़ा बदलाव: शराब की खरीद पर अब केवल ऑनलाइन पेमेंट, कैश पूरी तरह बैन
छत्तीसगढ़ सरकार ने शराब बिक्री को लेकर एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब प्रदेश की सभी शराब दुकानों (Liquor Shops) में केवल ऑनलाइन पेमेंट से ही शराब खरीदी जा सकेगी। यानी, ग्राहकों को अब शराब खरीदने के लिए कैश का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होगी। यह कदम राज्य में कैशलेस व्यवस्था (Cashless System) को बढ़ावा देने और शराब बिक्री में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
मंत्री लखनलाल देवांगन का बड़ा ऐलान
हाल ही में कैबिनेट विस्तार के बाद आबकारी विभाग का प्रभार संभालने वाले मंत्री लखनलाल देवांगन ने इस फैसले की घोषणा की। उन्होंने विभागीय समीक्षा बैठक में स्पष्ट कहा कि –
“शराब दुकानों में 100 प्रतिशत भुगतान केवल ऑनलाइन माध्यम से होना चाहिए। इससे गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की संभावना खत्म होगी।”
मंत्री ने आगे बताया कि शराब की दुकानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और इनकी 24 घंटे निगरानी मुख्यालय से सीधे की जाएगी। इससे शराब दुकानों की पूरी गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी और किसी भी प्रकार की अनियमितता तुरंत पकड़ी जाएगी।
अवैध शराब बिक्री पर सख्ती
बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि होटल, ढाबों और फार्म हाउस में अवैध शराब बिक्री और पार्टियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि फार्म हाउस में शराब पार्टियां अब प्रशासन की रडार पर रहेंगी और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ तुरंत एक्शन लिया जाएगा।
शराब घोटाले का जिक्र
बैठक में मंत्री ने पिछली सरकार के दौरान हुए 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अब शराब कारोबार में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए मार्केटिंग कॉरपोरेशन, लाइसेंस प्रणाली और बार-क्लब संचालन की भी समीक्षा की गई।
अंतरराज्यीय सीमाओं पर निगरानी
आबकारी मंत्री ने अधिकारियों को आदेश दिया कि राज्य की सीमाओं पर स्थित आबकारी जांच चौकियों में कड़ी सतर्कता बरती जाए और विशेष अभियान चलाकर शराब की अवैध ढुलाई और बिक्री को रोका जाए।
छत्तीसगढ़ में शराब खपत
बता दें कि छत्तीसगढ़ में शराब की खपत अन्य राज्यों की तुलना में काफी ज्यादा है। राज्य सरकार स्वयं शराब दुकानों का संचालन करती है, जिससे हर साल हजारों करोड़ का राजस्व मिलता है। लेकिन कैश सिस्टम की वजह से कई बार गड़बड़ियां और भ्रष्टाचार सामने आते रहे हैं। यही कारण है कि अब सरकार ने इसे पूरी तरह कैशलेस करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।

