पीएम मोदी करेंगे आदिवासी संग्रहालय का उद्घाटन, छत्तीसगढ़ की शौर्यगाथा को मिलेगा नया आयाम
Surya news Raigarh| 27 अगस्त 2025
छत्तीसगढ़ की धरती हमेशा से ही आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और जनजातीय संस्कृति की अनूठी परंपराओं के लिए जानी जाती रही है। अब इस गौरवशाली विरासत को संरक्षित और प्रदर्शित करने के लिए नवा रायपुर में “शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय” का निर्माण अंतिम चरण में है। इस संग्रहालय का भव्य उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आगामी राज्य स्थापना दिवस (रजत जयंती) और जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर किया जाना प्रस्तावित है।
निर्माण कार्य अंतिम चरण में
आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने नवा रायपुर स्थित आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान परिसर में संग्रहालय का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्माण कार्य उच्च गुणवत्ता और पारदर्शिता के साथ समय पर पूरा होना चाहिए।
👉 वर्तमान में संग्रहालय का फिनिशिंग और रंग-रोगन कार्य चल रहा है।
👉 लक्ष्य है कि 30 सितंबर 2025 तक निर्माण कार्य पूरी तरह से पूर्ण कर लिया जाए।
छत्तीसगढ़ की शौर्यगाथा का जीवंत चित्रण
संग्रहालय को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह छत्तीसगढ़ की आदिवासी आंदोलनों और वीर नायकों की कहानियों को जीवंत रूप में प्रस्तुत करेगा। यहां प्रमुख विद्रोह और आंदोलनों की झलक देखने को मिलेगी –
हल्बा विद्रोह
सरगुजा आंदोलन
भोपालपट्टनम विद्रोह
परलकोट विद्रोह
तारापुर और लिंगागिरी विद्रोह
कोई और मेरिया आंदोलन
मुरिया विद्रो
रानी चौरिस आंदोलन
भूमकाल आंदोलन
सोनाखान विद्रोह
झंडा सत्याग्रह और जंगल सत्याग्रह
इन प्रदर्शनों के माध्यम से आने वाली पीढ़ियाँ जान पाएंगी कि कैसे आदिवासी समाज ने स्वतंत्रता संग्राम और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा में बलिदान दिए।
नायकों की मूर्तियाँ और ट्राइबल आर्ट
संग्रहालय में भगवान बिरसा मुंडा, रानी गाइडल्यू और अन्य आदिवासी नायकों की मूर्तियाँ स्थापित की जाएंगी।
फर्श पर ट्राइबल कलाकारों की आर्ट उकेरी जाएगी, जो आगंतुकों को छत्तीसगढ़ की लोककला और परंपराओं से जोड़ देगी।
डिजिटाइजेशन और आधुनिक तकनीक
संग्रहालय में डिजिटाइजेशन पर खास जोर दिया जा रहा है। यहां आगंतुकों को अत्याधुनिक तकनीक से 3D विजुअल्स और डिजिटल गैलरी के माध्यम से आदिवासी इतिहास की जानकारी मिलेगी।
साथ ही, यहां एक सोवेनियर शॉप भी स्थापित की जाएगी जिसे गढ़ कलेवा या TRIFED जैसी संस्थाओं को सौंपा जाएगा। शर्त यह होगी कि यहां केवल ट्राइबल उत्पादों का विक्रय होगा, जिससे आदिवासी कारीगरों और शिल्पकारों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
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अधिकारियों की बैठक और निर्देश
बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे जिनमें –
आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर
राज्य अंत्यावसायी निगम के संचालक जगदीश कुमार सोनकर
टीआरटीआई की संचालक हिना अनिमेष नेताम
संयुक्त सचिव बी. के. राजपूत
अपर संचालक जितेन्द्र गुप्ता
उपायुक्त गायत्री नेताम
कार्यपालन यंत्री त्रिदीप चकवर्ती
सभी अधिकारियों ने समयसीमा में कार्य पूर्ण करने का आश्वासन दिया।
आदिवासी गौरव को नई पहचान
यह संग्रहालय केवल एक भवन नहीं होगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की जनजातीय अस्मिता, स्वतंत्रता संग्राम की शौर्यगाथा और सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत केंद्र बनेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों इसका उद्घाटन होना राज्य के लिए ऐतिहासिक अवसर माना जा रहा है।

