धान की खेती का गुप्त फार्मूला : खेत में डालें अजोला और पाएं दोगुना उत्पादन

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 धान की खेती का गुप्त फार्मूला : खेत में डालें अजोला और पाएं दोगुना उत्पादन


धान की खेती का गुप्त फार्मूला : खेत में डालें अजोला और पाएं दोगुना उत्पादन



भारत में धान की खेती किसानों की मुख्य आजीविका का साधन है। हर साल लाखों किसान धान की खेती करते हैं लेकिन महंगी रासायनिक खाद और कीटनाशक पर खर्च बढ़ने से मुनाफा कम हो जाता है। यही कारण है कि अब किसान जैविक खेती (Organic Farming) और प्राकृतिक उपायों की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं।


आज हम आपको धान की खेती का एक ऐसा गुप्त फार्मूला बताने जा रहे हैं, जिसे अपनाकर आप बिना रासायनिक खाद के दोगुनी पैदावार हासिल कर सकते हैं। यह फार्मूला किसी चमत्कार से कम नहीं, बल्कि पूरी तरह प्राकृतिक और सुरक्षित है।



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आखिर क्या है यह गुप्त फार्मूला?


धान की खेती में किसानों की मदद करने वाला यह पौधा है अजोला (Azolla)।

अजोला एक खास किस्म का हरा-भरा जलीय पौधा है, जो पानी की सतह पर तैरता है। यह धीरे-धीरे सड़कर मिट्टी में नाइट्रोजन, कार्बन और अन्य पोषक तत्व छोड़ता है। नतीजा यह होता है कि धान की जड़ों को प्राकृतिक पोषण मिलता है और फसल की वृद्धि (Growth) दोगुनी हो जाती है।


धान के खेत में अजोला डालने का सही तरीका

1. धान की रोपाई के 15–20 दिन बाद खेत में पर्याप्त पानी भरें।

2. इस पानी में ताजा और हरा अजोला डाल दें।

3. अजोला खेत की सतह पर फैलकर तैरता रहेगा और मिट्टी को लगातार पोषण देता रहेगा।

4. कुछ ही हफ्तों में धान का पौधा अधिक हरा-भरा और मजबूत हो जाएगा।

धान की खेती में अजोला डालने के फायदे


रासायनिक खाद की जरूरत खत्म – अजोला खेत को प्राकृतिक खाद उपलब्ध कराता है।

खर्च में बचत – किसानों को यूरिया, डीएपी और अन्य रासायनिक खाद पर पैसा खर्च नहीं करना पड़ता।

पैदावार में वृद्धि – धान की जड़ें मजबूत होती हैं और उत्पादन दोगुना तक बढ़ सकता है।

पर्यावरण के लिए सुरक्षित – अजोला के प्रयोग से मिट्टी और जल स्रोत प्रदूषित नहीं होते।

कीट-पतंगों से सुरक्षा – फसल पर कीट और रोगों का असर कम हो जाता है।

पशु चारे के रूप में उपयोग – अजोला को मवेशियों के चारे के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

अजोला कहां से मिलेगा?

किसान भाई अजोला को आसानी से नजदीकी तालाब, नहर या जलाशयों से प्राप्त कर सकते हैं। इसे पहचानना भी आसान है – यह पौधा ताजा, हरा या हल्का सफेद-हरे रंग का होता है। अगर सही तरीके से इसका इस्तेमाल किया जाए तो यह लगातार खेत में बढ़ता और फैलता रहता है।

विशेषज्ञों की राय


खेती विशेषज्ञों का मानना है कि यदि किसान धान की खेती में अजोला का उपयोग करें तो उन्हें न केवल बंपर पैदावार मिलेगी बल्कि खेती की लागत भी आधी रह जाएगी। यह तरीका पूरी तरह से सस्टेनेबल (Sustainable Farming) है, जो मिट्टी की सेहत और पर्यावरण दोनों के लिए लाभकारी है।


किसान भाइयों, अगर आप धान की खेती करते हैं और ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो अब रासायनिक खादों पर पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं। बस खेत में अजोला डालें और देखें कैसे आपकी धान की फसल हरी-भरी होकर दोगुना उत्पादन देती है।

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