पं. कान्हा शास्त्री को मिला ‘ज्योतिष रत्न अवार्ड’ – काशी में गूंजा अंचल का नाम
काशी की धरती बनी ऐतिहासिक आयोजन की साक्षी
वाराणसी, जिसे भगवान विश्वनाथ की नगरी और सनातन ज्ञान की पवित्र भूमि कहा जाता है, एक बार फिर इतिहास रचने का केंद्र बनी। 19-20 अगस्त को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और काशी ज्योतिष संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ज्योतिष महोत्सव में देश-विदेश से आए विद्वानों ने शिरकत की।
इस आयोजन में आयुर्वेद और ज्योतिष के गहरे संबंधों पर शोध-पत्र प्रस्तुत हुए और आधुनिक चिकित्सा पद्धति के साथ ज्योतिष के समन्वय पर गंभीर चर्चा हुई।
पं. कान्हा शास्त्री की विशेष प्रस्तुति
रायगढ़ अंचल के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. कान्हा शास्त्री ने मेडिकल एस्ट्रोलॉजी विषय पर अपना शोध प्रस्तुत किया। उन्होंने विशेष रूप से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के ज्योतिषीय पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि—
“ज्योतिष केवल भविष्य बताने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानव स्वास्थ्य और रोग निवारण की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
उनके शोध ने न सिर्फ ज्योतिष विद्वानों को प्रभावित किया बल्कि चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों को भी नए दृष्टिकोण पर विचार करने के लिए प्रेरित किया।
मिला ‘ज्योतिष रत्न अवार्ड’
कार्यक्रम के दौरान पं. शास्त्री को उनके अनूठे योगदान और शोध कार्य के लिए प्रतिष्ठित ‘ज्योतिष रत्न अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। पुरस्कार प्राप्त करते हुए उन्होंने कहा—
“यह सम्मान केवल मेरा व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि भारतीय ज्योतिष और संस्कृति की वैश्विक मान्यता का प्रतीक है।”
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिली सराहना
देश-विदेश से आए विद्वानों ने पं. शास्त्री के शोध को “Global Relevance” बताते हुए खुलकर सराहना की। आयोजकों ने कहा कि इस प्रकार के प्रयास भारतीय ज्योतिष परंपरा को आधुनिक शोध और चिकित्सा विज्ञान से जोड़ने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।

