चक्रधर समारोह 2025 : मुंबई के बांसुरी वादक मोहित शास्त्री की मधुर धुनों से मंत्रमुग्ध हुआ रायगढ़
भजन, फिल्मी गीत और शास्त्रीय रागों की अनूठी प्रस्तुति से झूम उठे श्रोता
रायगढ़, 05 सितम्बर 2025 (Surya News Raigarh)।
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चक्रधर समारोह 2025 की नवमी संध्या एक अविस्मरणीय अनुभव बन गई, जब मुंबई के सुप्रसिद्ध बांसुरी वादक मोहित शास्त्री ने अपनी अद्भुत प्रस्तुतियों से पूरे सभागार को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी बांसुरी से निकली मधुर तानें शास्त्रीय रागों, लोकधुनों और लोकप्रिय गीतों का ऐसा अनूठा संगम रच रही थीं, कि दर्शक भावविभोर होकर तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत करते रहे।
शास्त्रीय रागों से लेकर फिल्मी धुनों तक
कार्यक्रम की शुरुआत शास्त्रीय रागों और पारंपरिक धुनों से हुई, जिसने वातावरण को सुरमय बना दिया। इसके बाद मोहित शास्त्री ने अपनी बांसुरी से भजन और लोकप्रिय गीतों की प्रस्तुति दी।
उन्होंने मैया मोरी मैं नहीं माखन खाओ, यशोमती मैया से बोले नंदलाला, श्याम तेरी बंसी पुकारे, दिल दीवाना, कभी कभी मेरे दिल में, चल अकेला चल अकेला और दफड़ी वाले दफड़ी बजा जैसे गीतों को बांसुरी की धुनों पर पिरोकर ऐसा समां बांधा कि दर्शक भी गुनगुनाने लगे। पूरा सभागार भक्तिरस और संगीतमय आनंद से गूंज उठा।
मोहित शास्त्री का संगीत सफर
मोहित शास्त्री को संगीत की प्रेरणा बचपन से ही अपनी दादी और पिता से मिली। छोटी उम्र में ही उन्हें बांसुरी से गहरा लगाव हो गया और धीरे-धीरे यह उनके जीवन का साधन और साध्य बन गया।
आज वे देश-विदेश के प्रतिष्ठित मंचों पर भारतीय संगीत की गरिमा बढ़ा रहे हैं और कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं।
संगीत ने बढ़ाई प्रस्तुति की गरिमा
इस विशेष संध्या में उनकी टीम ने भी बेमिसाल संगति दी, जिससे हर प्रस्तुति और भी प्रभावशाली हो गई। बांसुरी की गूंज और दर्शकों की तालियों की प्रतिध्वनि देर तक समारोह स्थल पर गूंजती रही।
रायगढ़ की पहचान है चक्रधर समारोह
गौरतलब है कि चक्रधर समारोह रायगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर है, जो हर वर्ष संगीत प्रेमियों के लिए एक अविस्मरणीय अवसर लेकर आता है। यह समारोह देश-विदेश के ख्यात कलाकारों की प्रस्तुतियों का गवाह बनता है और रायगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को
और भी मजबूती देता है।

