छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल: प्रसव पीड़ा से जूझती महिला को एंबुलेंस न मिलने पर 2 किमी पैदल चलना पड़ा
उदयपुर (छत्तीसगढ़)। राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत एक बार फिर सामने आई है। उदयपुर विकासखंड के ग्राम बुले के कानाडांड़ पारा में रहने वाली गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर एंबुलेंस सुविधा नहीं मिल सकी। मजबूरी में महिला को परिजनों के साथ दो किलोमीटर पैदल चलकर नाला पार करना पड़ा और फिर एंबुलेंस तक पहुंचाया गया।
एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी
गांव की महिला प्रतिमा तिग्गा को 15 अगस्त की सुबह अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिजनों ने तुरंत 108 एंबुलेंस को बुलाया, लेकिन बुले और कानाडांड़ के बीच बहने वाले जोकी नाला में पुल न होने से एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाई।
इस स्थिति में महिला को परिजनों और मितानिन कार्यकर्ता की मदद से पैदल नाला पार कराकर एंबुलेंस तक ले जाया गया। इसके बाद उसे पहले उप स्वास्थ्य केंद्र केदमा और फिर उदयपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां सुरक्षित प्रसव कराया गया।
बरसात में बढ़ती हैं मुश्किलें
ग्रामीणों ने बताया कि जोकी नाला में पुल न होने के कारण बरसात के दिनों में दिक्कत और बढ़ जाती है। कई बार मरीजों और स्कूली बच्चों को जान जोखिम में डालकर नाला पार करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि वे लंबे समय से यहां पुल निर्माण की मांग कर रहे हैं।
पूर्व सरपंच प्रेमशंकर लकड़ा ने बताया कि जनमन योजना के तहत इस नाला पर पुल स्वीकृत हो चुका है, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हो पाया है।
विधायक का आश्वासन
क्षेत्र के विधायक राजेश अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत बुले तक सड़क और पुल निर्माण की स्वीकृति मिल चुकी है। बारिश शुरू होने से पहले मशीनरी लगाकर घाट कटिंग का कार्य भी शुरू किया गया था, लेकिन समय से पहले आई बारिश के कारण काम रोकना पड़ा।
उन्होंने आश्वासन दिया कि बारिश खत्म होते ही सड़क और पुल का काम फिर से शुरू किया जाएगा। सड़क बनने से बुले, पनगोती, झेरा बहार, मतरेंगा, सितकालो और केसमा जैसे गांवों के लोग पक्की सड़क से जुड़ जाएंगे और ग्रामीणों को बड़ी राहत मिलेगी।

