चक्रधर समारोह 2025: रायगढ़ में आरू साहू की सुरमयी प्रस्तुति ने बांधा समां
रायगढ़, 30 अगस्त 2025।
रायगढ़ में आयोजित चक्रधर समारोह 2025 का तीसरा दिन पूरी तरह से छत्तीसगढ़ी लोकसंगीत के नाम रहा। इस संगीतमय शाम की मुख्य आकर्षण रहीं धमतरी की सुप्रसिद्ध लोकगायिका आरू साहू, जिनकी मधुर आवाज़ और भावपूर्ण प्रस्तुति ने पूरे सभागार को भक्ति और लोकरस से सराबोर कर दिया।
आरू साहू की प्रस्तुति से गूंज उठा रायगढ़
कार्यक्रम की शुरुआत भगवान श्रीगणेश की वंदना से हुई। इसके बाद जब आरू साहू मंच पर आईं, तो उनकी पहली ही प्रस्तुति ने दर्शकों के दिलों को छू लिया। उन्होंने अपने सुमधुर स्वर में “हे मईया झुप-झूप महु ला नचाई दे”, “मेरे राम आयेंगे”, “सुवा गीत”, “गौरी-गौरा” और “राउत नाचा” जैसे लोकगीत प्रस्तुत किए। दर्शक तालियों की गड़गड़ाहट और जय-जौहार के नारों से झूम उठे।
भक्ति और संस्कृति का संगम
इस शाम को और भी खास बना दिया उनके भक्ति रस से ओत-प्रोत गीतों ने। “हरे रामा हरे कृष्णा”, “जो भी दिल से पुकारे” और “सेवा में बाग लगाए हो मां” जैसे गीतों ने पूरे वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया। उनके साथ मंच पर मौजूद साथी कलाकारों ने भी भक्तिपूर्ण गायन से माहौल को और अधिक भावविभोर कर दिया।
बचपन से संगीत की दुनिया में चमक रहीं आरू साहू
आरू साहू बचपन से ही संगीत के प्रति समर्पित रही हैं। महज़ 11 साल की उम्र में उन्होंने ETV भारत के मंच पर अपनी प्रतिभा से सबका ध्यान आकर्षित किया। साल 2022 में आयोजित “बर्न टू शाइन” प्रतियोगिता में वे टॉप 30 में शामिल होकर विजेता बनीं। अब तक वे 45 से अधिक पुरस्कार अपने नाम कर चुकी हैं।
हाल ही में रिलीज़ हुआ उनका भजन “सेवा में बाग लगाए मईया” सोशल मीडिया और यूट्यूब पर जबरदस्त लोकप्रियता हासिल कर चुका है। इसके अलावा वे TEDx जैसे प्रतिष्ठित मंच पर भी अपनी संगीत यात्रा और छत्तीसगढ़ी संस्कृति के प्रति समर्पण साझा कर चुकी हैं।
चक्रधर समारोह 2025 की खास शाम
चक्रधर समारोह रायगढ़ की इस शाम को हर किसी ने यादगार बताया। यह पूरा आयोजन पूरी तरह से लोकगायिका आरू साहू के नाम रहा, जहाँ उन्होंने अपनी सुरमयी प्रस्तुतियों से मंच को भक्ति, संस्कृति और लोकसुगंध से भर दिया।

