जांजगीर-चांपा: पिता का कर्ज चुकाने के लिए युवक ने रची मौत की झूठी कहानी, 40 लाख का बीमा था वजह
जांजगीर-चांपा, 24 अगस्त 2025। छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है। यहाँ के एक 21 वर्षीय युवक कौशल श्रीवास ने अपने परिवार की आर्थिक परेशानी से छुटकारा दिलाने के लिए खुद की मौत की झूठी कहानी रच डाली। पिता पर लाखों रुपये का कर्ज था और कौशल का 40 लाख रुपये का जीवन बीमा था। युवक की योजना यह थी कि उसकी मौत की आड़ में परिवार को बीमा की राशि मिल जाएगी और पिता का कर्ज चुकाया जा सकेगा।
लेकिन किस्मत ने उसका राज ज्यादा देर छुपने नहीं दिया। सायबर सेल और पामगढ़ पुलिस ने बिलासपुर से युवक को सकुशल बरामद कर लिया।
19 अगस्त को गायब हुआ था युवक
घटना पामगढ़ थाना क्षेत्र की है। 19 अगस्त की शाम करीब 7 बजे लोगों को शिवनाथ नदी पुल के ऊपर एक चालू हालत में मोटरसाइकिल और एक मोबाइल फोन मिला।
लोगों को लगा कि किसी ने नदी में छलांग लगा दी है। पुलिस को सूचना दी गई।
मोटरसाइकिल की पहचान तिलकराम श्रीवास (कौशल के पिता) के नाम पर हुई।
घर से संपर्क करने पर पता चला कि उनका छोटा बेटा कौशल श्रीवास (21 वर्ष) लापता है।
इसके बाद पामगढ़ थाने में गुम इंसान का मामला दर्ज किया गया।
4 दिन तक SDRF ने की तलाश
20 अगस्त से SDRF और नगर सैनिक की गोताखोर टीम लगातार नदी में खोजबीन करती रही।
चार दिन तक तलाशी अभियान चला, लेकिन युवक का कोई सुराग नहीं मिला
परिजनों और ग्रामीणों को यही विश्वास था कि युवक नदी में कूदकर आत्महत्या कर चुका है।
लेकिन कहानी इसके पीछे कुछ और ही थी।
सोशल मीडिया ने खोला राज
जाँच के दौरान पुलिस ने तकनीकी पहलुओं पर ध्यान देना शुरू किया। इसी बीच
पता चला कि युवक ने इंस्टाग्राम के माध्यम से अपने एक दोस्त को संदेश भेजा था कि वह ठीक है।
23 अगस्त की शाम को करीब 5 बजे युवक ने अपने भाई को एक अज्ञात नंबर से कॉल भी किया।
फोन नंबर को ट्रेस कर पुलिस ने बिलासपुर आरपीएफ और उसलापुर थाना को जानकारी भेजी।
सूचना मिली कि एक युवक तोरवा इलाके में देखा गया है, जो लापता कौशल श्रीवास से मिलता-जुलता है।
परिजन और पुलिस मौके पर पहुँचे और युवक को सकुशल बरामद कर लिया।
कबूल किया झूठा खेल
पूछताछ में कौशल श्रीवास ने पुलिस के सामने स्वीकार किया कि –
उसके पिता पर लाखों रुपये का कर्ज था।
परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा था।
उसके नाम पर 40 लाख रुपये का जीवन बीमा था।
युवक ने योजना बनाई कि अगर उसकी झूठी मौत की कहानी बनाई जाए तो बीमा की राशि परिवार को मिल जाएगी और पिता का कर्ज चुक जाएगा।
कैसे रची गई पूरी कहानी?
19 अगस्त को युवक ने अपनी मोटरसाइकिल और माँ का मोबाइल फोन शिवनाथ नदी पुल पर छोड़ दिया।
लोगों को भ्रम हुआ कि वह नदी में कूद गया है।
इसके बाद वह पैदल पामगढ़ से बस द्वारा बिलासपुर पहुँचा।
20 अगस्त को बिलासपुर रेलवे स्टेशन से छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस पकड़कर दिल्ली (फरीदाबाद) चला गया।
21 अगस्त की रात रेलवे स्टेशन पर रहा और अगले दिन वापस लौटने की तैयारी की।
22 अगस्त को उसने अपना मोबाइल फोन स्टेशन पर फेंक दिया ताकि लोकेशन ट्रेस न हो सके।
23 अगस्त को वह वापस बिलासपुर पहुँचा और वहीं पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
पुलिस की कार्यवाही
सायबर सेल और पामगढ़ पुलिस की तत्परता से यह मामला जल्द ही सुलझ गया। युवक को बरामद करने के बाद पुलिस ने स्पष्ट किया कि –
यह घटना बीमा की राशि प्राप्त करने के उद्देश्य से रची गई साजिश थी।
मामले की आगे जाँच की जा रही है।

