HNLU रायपुर में वायरल फीवर का कहर: एक महीने में 900 से ज्यादा छात्र बीमार, अस्पतालों में लगी भीड़
CG News Raipur: नवा रायपुर स्थित हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (HNLU Raipur) इन दिनों वायरल फीवर की चपेट में है। विश्वविद्यालय के हॉस्टल में रह रहे छात्रों में बीमारियों का दौर लगातार बढ़ता जा रहा है। जानकारी के अनुसार, पिछले एक महीने के भीतर 900 से ज्यादा छात्र बीमार पड़ चुके हैं। हर रोज़ औसतन 20 से 30 छात्र अलग-अलग अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।
छात्रों में बढ़ रही चिंता, हॉस्टल में पानी पर सवाल
एचएनएलयू एक आवासीय विश्वविद्यालय है, जहां लगभग एक हज़ार विद्यार्थी रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। बीमार छात्रों को बालको-वेदांता अस्पताल और सद्भावना अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। कई छात्रों का आरोप है कि हॉस्टल में मिलने वाला पानी खराब है और यही बीमारी की सबसे बड़ी वजह है। छात्रों ने प्रशासन को कई बार इसकी शिकायत भी की, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
एंबुलेंस दिन-रात कर रही दौड़
विश्वविद्यालय प्रशासन के पास कुल चार एंबुलेंस हैं। ये चौबीसों घंटे छात्रों को अस्पताल पहुंचाने में व्यस्त रहती हैं। बालको-वेदांता अस्पताल के एक कर्मचारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि—
“पिछले कुछ दिनों से रात के समय यूनिवर्सिटी से लगातार एंबुलेंस में बीमार छात्रों को लाया जा रहा है। यह संकेत है कि स्थिति गंभीर बनी हुई है और छात्रों की तबीयत बिगड़ने का सिलसिला थम नहीं रहा।”
बार-बार बीमार पड़ रहे छात्र
अस्पतालों में भर्ती किए गए कई छात्र बार-बार बीमार हो रहे हैं। कुछ छात्र एक महीने में दो से तीन बार भर्ती हो चुके हैं। इससे साफ है कि बीमारी की जड़ अब तक खत्म नहीं हुई है। छात्रों का कहना है कि जब तक हॉस्टल के पानी की गुणवत्ता में सुधार नहीं होगा, तब तक यह समस्या बनी रहेगी।
प्रशासन और अस्पताल का पक्ष
विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. दीपक श्रीवास्तव ने कहा—
“पानी की आपूर्ति एनआरडीए से हो रही है और लैब रिपोर्ट के अनुसार पानी पूरी तरह सुरक्षित है। यह केवल वायरल फीवर की समस्या है। कुछ फैकल्टी सदस्य भी बीमार हैं। सभी छात्रों की स्वास्थ्य जांच कराई जाएगी, ताकि किसी गंभीर स्थिति से बचा जा सके।”
वहीं, सद्भावना अस्पताल के डॉक्टर अंकुर गुप्ता ने बताया—
“पहले हर रोज़ दो से तीन मरीज आते थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर पांच से सात तक पहुंच गई है। लॉ यूनिवर्सिटी से लगातार छात्र इलाज के लिए आ रहे हैं। हालांकि अब तक किसी को भी गंभीर हालत में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ी है।”

