छत्तीसगढ़: धर्मांतरण के खिलाफ ग्रामीणों ने खोला मोर्चा, गांव के द्वार पर लगाए सख्त चेतावनी बोर्ड
कांकेर, छत्तीसगढ़। राज्य के कांकेर जिले में धर्मांतरण के बढ़ते मामलों को लेकर ग्रामीणों ने अब खुलकर विरोध जताना शुरू कर दिया है। भानुप्रतापपुर विकासखंड के कई गांवों में लोग एकजुट होकर अपने पारंपरिक रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए मोर्चा खोल रहे हैं। इसी क्रम में ग्राम जुनवानी में ग्रामीणों ने एक बड़ा कदम उठाते हुए गांव के मुख्य द्वार पर बोर्ड लगाकर ईसाई धर्म प्रचारकों और पादरियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।
क्या है मामला?
ग्राम जुनवानी, जो बांसला ग्राम पंचायत का आश्रित गांव है, वहां आठ परिवारों ने ईसाई धर्म अपना लिया था। ग्रामीणों के प्रयासों से अब तक तीन परिवारों को फिर से मूल परंपराओं में शामिल कर लिया गया है, लेकिन पांच परिवार अभी भी धर्मांतरण की राह पर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह बदलाव गांव की सांस्कृतिक पहचान और सामाजिक संतुलन को नुकसान पहुंचा रहा है।
क्यों उठाया यह कदम?
ग्रामवासी राजेन्द्र कोर्राम ने बताया कि वे किसी धर्म का विरोध नहीं कर रहे, लेकिन प्रलोभन और दबाव के माध्यम से भोले-भाले आदिवासियों का मतांतरण कराया जाना अस्वीकार्य है। उनका कहना है कि यह प्रक्रिया आदिवासी संस्कृति और परंपराओं को खतरे में डाल रही है।
बोर्ड में क्या लिखा है?
गांव के प्रवेश द्वार पर जो बोर्ड लगाया गया है, उसमें साफ लिखा है कि –


