धरमजयगढ़ में करोड़ों की फर्जीवाड़ा कोशिश नाकाम : बजरमुड़ा कांड की तर्ज पर अवैध शेड पर चला प्रशासन का बुलडोज़र
धरमजयगढ़
तमनार के चर्चित बजरमुड़ा प्रकरण की तरह ही अब धरमजयगढ़ में भी अवैध शेड निर्माण का बड़ा खेल सामने आया है। भू-माफियाओं और कुछ कृषकों ने भारत सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना के प्रस्तावित बायपास मार्ग पर कृषि भूमि पर बिना अनुमति और बिना डायवर्सन के अवैध शेड खड़े कर दिए थे।
इस पूरे खेल का उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ शासन से अधिक मुआवजा हड़पना था। मगर प्रशासन ने समय रहते सख़्ती दिखाते हुए इस करोड़ों के फर्जीवाड़े की कोशिश को नाकाम कर दिया।
नोटिस के बाद भी नहीं रुके निर्माण
धरमजयगढ़ अनुविभागीय अधिकारी (रा.) प्रवीण भगत और तहसीलदार हितेश कुमार साहू ने अवैध निर्माणकर्ताओं को तीन बार नोटिस जारी किया था। अंतिम चेतावनी में साफ कहा गया था कि यदि शेड स्वयं से नहीं हटाए गए तो प्रशासन बुलडोज़र चलाएगा।
लेकिन नोटिस के बावजूद जब अवैध निर्माण जस का तस खड़े रहे, तो आज सुबह राजस्व विभाग और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर बुलडोज़र चलाया और सभी अवैध शेडों को जमींदोज़ कर दिया।
जांच में हुआ बड़ा खुलासा
जांच के दौरान स्पष्ट हुआ कि इन शेडों में न तो कोई पहुँच मार्ग था, न बिजली-पानी की सुविधा, और न ही पशुपालन या उत्पादन कार्य। इनका निर्माण केवल कागज़ों पर उपयोगी दिखाने और मुआवजा राशि बढ़वाने की नीयत से किया गया था।
यह पूरा मामला बजरमुड़ा की तर्ज पर करोड़ों की फर्जीवाड़ा कोशिश साबित हुआ, जिसे प्रशासन ने नाकाम कर दिया।
कानूनी उल्लंघन और संदेश
स्थानीय प्रशासन ने साफ कहा कि यह कृत्य छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता की धारा 172 का उल्लंघन है। कृषि भूमि पर बिना डायवर्सन और बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति निर्माण करना पूर्णतः अवैध है।
इस कार्रवाई से शासन ने स्पष्ट संदेश दिया है कि शासन को धोखा देने वाले भू-माफिया और मुआवजा ठगों पर अब बुलडोज़र चलेगा और सख़्ती से नकेल कसी जाएगी।

